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संवादशाला देहली
प्रदीपयेम जगत्सर्वं ध्येयजीवनज्वालया
अस्माकं विषये किञ्चित्
संवादशाला क्या है ?
‘संवादशाला’ एक ऐसा विनूतन प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जिसमें भाग लेकर आप न केवल संस्कृत में धाराप्रवाह बोल सकते हैं अपितु संस्कृत सम्भाषण सिखा भी सकते हैं । यह सम्भाषण, व्याकरण, शिक्षणविधि, व्यक्तित्त्वविकास, संस्कृतप्रचार और राष्ट्रोत्थान जैसे बहुमुखी आयामों का अनन्यसाधारण प्रशिक्षण है । पिछले १४ वर्षों से लगभग ११ हजार से अधिक लोग इस प्रशिक्षण से लाभान्वित हुए हैं ।
Samvadshala shibir
सम्भाषण शिबिरस्य कालावधि- प्रत्येक महीने में १ से १४ दिनांक तक (पूर्व शिबिर) तथा १६ से २९ दिनांक तक (उत्तर शिबिर) इस प्रकार दो बार शिबिर होते हैं । शिक्षार्थियों को किसी भी एक शिबिर (पूर्व शिबिर या उत्तर शिबिर) में भाग लेना है । शिबिरारम्भ एक दिन पूर्व संवादशाला में पहुँचना है । १४ तथा २९ दिनांक को मध्याह्न भोजनोपरान्त शिबिर समाप्त होगा ।
प्रवेशार्हता- प्राकशास्त्री, शास्त्री, आचार्य बी.ए., एम.ए. आदि उपाधियों के लिये संस्कृत प्रधान विषय के रूप में पढ़ने वाले अथवा संस्कृत अध्ययन किये हुये नागरिक एवं संस्कृत शिक्षक एवं संस्कृत प्रेमी शिबिर में प्रवेश ले सकते हैं । (१६ से कम उम्र वालों का प्रवेश नहीं है ।)
प्रवेशार्हता- प्राकशास्त्री, शास्त्री, आचार्य बी.ए., एम.ए. आदि उपाधियों के लिये संस्कृत प्रधान विषय के रूप में पढ़ने वाले अथवा संस्कृत अध्ययन किये हुये नागरिक एवं संस्कृत शिक्षक एवं संस्कृत प्रेमी शिबिर में प्रवेश ले सकते हैं । (१६ से कम उम्र वालों का प्रवेश नहीं है ।)
Samvadshala shibir
सम्भाषण शिबिरस्य कालावधि- प्रत्येक महीने में १ से १४ दिनांक तक (पूर्व शिविर) तथा १६ से २९ दिनांक तक (उत्तर शिबिर) इस प्रकार दो बार शिबिर होते हैं । शिक्षार्थियों को किसी भी एक शिबिर (पूर्व शिबिर या उत्तर शिबिर) में भाग लेना है । शिबिरारम्भ एक दिन पूर्व संवादशाला में पहुँचना है । १४ तथा २९ दिनांक को मध्याह्न भोजनोपरान्त शिबिर समाप्त होगा ।
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